जउन घर हे तुम्हर पहुनाई नेहको होही, अउ तुम्हर बातन के नेहको सुनही, ता तुम ऊ घर के छांड के, अउ ओखर चीन के निता, अपन गोड के धूधुर झार देबे, कि उनखर हे गवाह होही।
फेर अपन पूरे घराना सहित बतिस्मा लेय के बाद ऊ हमर लग हइ बिनती करथै, “कि तै मोके परभु के महिमा करै बाले बिस्वासी मानथस, ता आबा मोर घर हे रहा।” इहैनिता ऊ हमके जाय के निता तइयार कर लइस।