27 ऊ यीसु कर बारे हे सुनके भीड हे ओखर पाछू आ जथै, अउ ओखर खुरथा पइजामा के छि लेथै।
अउ ओखर लग बिनती करै लग जथै, कि ऊ उनके अपन खुरथा पइजामा के छोर के छियदे अउ जेतका झन छीथै अउ सगलू मेर के नंगहा लग निक्खा हुइ गइन।
ऊ बोहत गुनिया के देखाय रथै, अउ अपन सगलू डेरा के बडोय डारथै, अउ ऊ निक्खा नेहको होथै, पय ओखर नांगा अउ बोहत बढ जथै।
ऊ सोचथै, अगर मै ओखर बन्डी के छि लेहूं, ता मै निक्खा हुइ जहुं।
यीसु जउन गांव, कउनो सहर या मोहल्ला छो जथै, उहां मनसे अपन नंगहन के बजार छो लइ आनथै, अउ ओखर लग बिनती करथै, कि ऊ अपन खुरथा पइजामा के छोर के छियदे, जउन ओही छि लेथै, ऊ निक्खा हुइ जथै।
इहां तक कि ओखर छुवै उरमाल अउ साफी के नंगहन के लिघ्घो लइ जाय करथै अउ उन नंगहा निक्खा हुइ जथै, अउ भुतवा उनखर मसे निकड जथै।
सही हइ हबै कि मनसे अपन नंगहन के लइके खटिया हे गलिन हे सोबाथै, ताकि जब पतरस उछो लग निकडही ता उनखर मसे कुछ हे ओखर छाय पड जाय।