32 पय जमै के बाद हे सगलू पउधा लग बोहत बडा डगइल हुइ जथै, कि बादर कर चिरइया आयके ओखर हे गोंदा बनाय के रथै।
राई बिजहा सगलू बिजहा लग नान तो हबै, पय बढके सगलू सबजी भाजिन लग बड्डे हुइ जथै अउ असना रूख बनथै, कि बादर के चिरइया आयके ओखर डगइल हे सोथै।”
भगवान कर राज राई के दाना के जसना हबै, खेत के निक्खा भुंइ हे बोय जाय बाले बिजहन मसे ई नान हबै।
यीसु चेलन के हइ मेर के बोहत किस्सा गुठे गुठेके उनखर समझै के जसना बचन सुनाथै।