17 पय अपन भित्तर मजबूत जर नेहको होय लग, चुटु रोज के निता रथै, एखर बाद हे अपनाय जाय बाले भगवान के बचन सबरोज के निता उनखर भित्तर नेहको होमै के कारन बिस्वास लग भटक जथै।
हइ मनसे सही हे हमर संगति के नेहको रथै, अउ इहैनिता हमके छांड दइन, अगर उन हमर संगति के होतिन ता हमर संग रहथै पय उन कड गइन ताकि हइ स्पस्ट हुइ सकै उनखर मसे कउनो सही हे हमर नेहको रथै।
तुमके जउन परेसानी भोगै के होही ओखर लग झइ डर, भुतवा तुम्हर परिक्छा लेय के उदेस्य लग तुम्हर मसे कुछ मनसेन के जेल हे डाल देही अउ तुम दस रोज तक परेसानी हे पडे रइहा अउ जब तक तुम्हर मिरतू न आय जाय तब तक बिस्वास ओग हे बने रइहा अउ मै तुमके जीवन के मुकुट परदान करिहों।”
मै हइ जानथो कि तै उहै रथस जिहां भुतवा के राजगद्दी हबै, तउभरमा मोर नाम के परति तोर सच्चाई हे बने हबै अउ तै मोर परति अपन बिस्वास के कबहुन नेहको नकारे, ऊ टेम जब मोर गवाह मोर बिस्वास के काबिल अन्तिपास के तुम्हर सहर हे जिहां भुतवा के घर हबै, खून के दय गइस।