55 पुजारी अउ यहूदियन के दरबार हे, यीसु के मरे के सजा सुनय के निता गवाही के निता ढूंढथै, पय नेहको मिलथै।
पय मै तुम्हर लग हइ कथो, कि कउ अपन भाई या बेहन लग गुस्सा करही, ऊ स्वरग के अदालत हे सजा के लायक होही, जउन कउ अपन भाई के बेकार कहि, ऊ स्वरग के अदालत के सजा के लायक होही, जउन कउनो के मूरुख कहि, ऊ नरक के आगी के लायक होही।
बोहत मनसे ओखर पल्ला झूठी गवाह देथै, पय उनखर गवाह नेहको मेराथै।
पुजारी हन्ना यीसु लग ओखर चेला के बारे हे अउ ओखर सिक्छा के बारे हे जांच पडताल करथै।
तै मोर लग काखे जांच पडताल करथस? उनखर लग पूछ, जउन मोर सिक्छा सुने हबै, उन जानथै कि मै काहिन-काहिन कहे हव।”