4 “हमही गुठे कि असना कब होही? अउ ई सगलू बात कब होही, ऊ टेम के चिन्हा काहिन होही?”
जब यीसु जैतून डोंगर हे बइठे रथै, ता सुनसान हे चेला ओखर लिघ्घो आयके कथै, “हमके गुठे हइ बात कब होही? जब तै फेर अइहे अउ हइ दुनिया कर आखरी होय के चिन्हा काहिन होही?”
ऊ यीसु के लिघ्घो अकान्त हे आथै, अउ जैतून के डोंगर हे बिनती भवन के जउन घटिया के लिघ्घो बइठे रथै, तब पतरस, याकूब अउ यूहन्ना, अउ अन्द्रियास ओखर लग पूछथै।
यीसु उनखर लग कथै, चेतन्न रहा, कि तोके कोनो झइ बहकामै।
ऊ मनसे ओखर ले पूछथै अउ गुठेथै, “हे गुरू हइ बात सब कब होही? अउ बात जउन होंय बाले हबै ओखर काहिन चिन्ह होही।”