31 बादर अउ भुंइ बढय जही, पय मोर बात कबहुन नेहको बढाही।
बादर अउ भुंइ टर जइही, पय मोर बात कबहुन नेहको टरही।”
मै तुम्हर लग सही कथो, जब तक बादर अउ भुंइ समापत नेहको हुइ जथै, तब तक मूसा कर नियम के किताब अक-अक्ठी बात अउ अक-अक्ठी सब्द रही, ऊ तब तक बने रही, तब तक ऊ पूर नेहको जही।
मै तुम्हर लग कथो, जब तक ई बात पूर नेहको होही, तब तक हइ पुरखा के मनसे नेहको मरहिन।
“ऊ रोज या ऊ टेम कब आही, स्वरग कर स्वरगदूत कउनो के पता अउ न टोरवा के, सिबाय भगवान बाफ जानथै।
बादर अउ भुंइ टर जही, पय मोर बात कबहुन नेहको टर सकथै।
अगर हम अबिस्वासी बने रथै, तउभरमा ऊ बिस्वास के काबिल रथै, काखे ऊ खुद के इन्कार नेहको कर सकथै।
मै इहैनिता असना करथो कि भगवान के चुने हर मनसेन के सबरोज के जीवन के आसा मिलै, भगवान जउन कबहुन झूठ नेहको बोलथै, सुरू लग सबरोज के टीमा करे हबै।
फेर मै अक्ठी बडा चरका राजगद्दी के अउ उके ओखर उप्पर बइठे रथै, देख ओखर आगू लग भुंइ अउ बादर भुलाय गइस, उनखर पता तक नेहको चल पाइस।