25 अउ बादर ले तरइया गिरै लगहिन, अउ बादर के सक्ति डोलाय जही।
“उन रोज के पीरा ओखर हरबी बाद बेरा अंधियार हुइ जही, जोंधइया उजेड नेहको दइ, तरइया बादर लग गिर जइहिन अउ बादर के सक्ति के डोलाय जही।
अउ बादर के तरइया भुंइ हे गिर पडिस, जसना बडेरा लग डोलय लग अंजीर के रूख लग रोड्डा फडुहा झर जथै।