17 पय दुख हबै उन डउकिन के, जउन लादा हे हबै अउ दूध पिलामै बाले उनके निता हाय, उनखर निता बोहत कठिन होही।
ता उन ओखर लग पूछथै, “तै सुनथस उन काहिन कथै?” यीसु उनखर लग कथै, “हव, सुनथो, का तुम पवितर किताब हे नेहको पढे हबा, तै लरकन अउ दूध पियत लरकन लग भजन करवाय हबै?”
जउन मनसे अपन खेत हे हबै, ऊ अपन खुरथा पइजामा के निता घर झइ लउटै।
हइ बिनती करा कि, हइ जाड के टेम झइ होय।
उन डउकी के निता जउन लादा हे होही अउ जउन उनखर निता दूध पियाउत होही, ऊ रोज केतका भयंकर होही, काखे कि ऊ रोज भुंइ छो बोहत दिग्गत आही अउ ई मनसे भगवान के उप्पर गुस्सा हुइहिन।
काखे असना रोज आउथे जब मनसे गुठेही ऊ डउकी धन्य हबै, जउन बांझ हबै अउ धन्य हबै ऊ कोंखी जउन कउनो के पइदा नेहको देथै, अउ ऊ छाती धन्य हबै जउन कबहुं दूध नेहको पिलाथै।