9 इहैनिता बगिया के मालिक काहिन करही? ऊ आयके किसान के मारही, अउ अंगूर के बगिया दूसर के दइ देही।
ता ऊ फेर लउटथै अउ अपन संग सातठे अउ भुतवन के लइके आथै जउन बोहत बेकार रथै, फेर ऊ सगलू भुतवा आय के उछो रहै लग जथै अउ ऊ मनसे के दसा आगू ले बत्तर जीवन हुइ जथै, आज के हइ बेकार मनसेन के दसा ओसनेन होही।”
जब अंगूर उतारै के टेम आइस, ता ऊ बगिया के मालिक अपन हरवाहन के किसानन के लिघ्घो पठोथै, ताकि उन अपन हिस्सा के अंगूर लइ आमै।
इहैनिता मै तुम्हर लग कथो, भगवान कर राज तुम्हर लग लइ ले जही अउ असना मनसेन के दइ दे जही, जउन ओखर सही फडुहा लइहीं।
राजा के बोहत गुस्सा आथै, अपन सिपाही पठोय के उन सगलू मारै बालेन के मरवा डारथै अउ उनखर सहर के लेस देथै।
का तुम पवितर किताब हे, हइ बचन के नेहको पढे हवा, जउन पथरा के राज मिसतिरी बेकार समझे रथै, उहै कोना के सिरा मुख्य पथरा हुइ जथै।
अउ किसान उहो के पकडके मार डालथै, अउ अंगूर के बगिया के बाहिर छो फटक देथै।
पय मोर ऊ बैरी के मोर लिघा इहां ले आबा, जउन नेहको चाहथै, कि मै उनखर उप्पर राज करहुं, मोर आगू उनके उजाड देया।
फेर यसायाह हिम्मत करके परभु के हइ कथन सुनाइस, जउन मोके नेहको खोजथै, उन मोके पाइन अउ जउन मोर बारे हे सबाल नेहको पूछथै, उनखर हे मै अपन के परगट करेव।