38 सिक्छा देत टेम यीसु कथै, नियाव के गुरू लग चेतन्न रहा, ऊ मनसे लम्बा-लम्बा खुरथा पइजामा ओढ के बजार हे बागथै, ऊ मनसेन लग नमस्ते सुनय के पसंद करथै।
मनसेन लग सचेत रइहा, काखे उन तुमही पकड के यहूदी पंचायत के दइ दइहीं अउ उन तुमही ऊ अपन यहूदी मंडली हे कोडा लग पिटवाही।
जब तुम बिनती करत हबा, ता ढोंगहन कर जसना झइ करिहा, उन मनसेन के दिखामै के निता, मंडली हे अउ गली कर मोड हे ठाड हुइ के बिनती करथै, मै तुम्हर लग सही कथो, उनही उनखर फडुहा मिल चुकिस।
अउ तेउहार के टेम हे, सभा घर हे सगलू लग निक्खा कोठा अउ मंडली हे आगू खुरसी के ताक हे रथै।
यीसु बोहत बात मनसेन के किस्सा सिखाथै, ऊ अक्ठी किस्सा मनसे के सुनाथै।
हे फरीसी मनसे तुम्हर उप्पर हाय काखे तुम बिनती भवन हे निक्खा आसन ढूंढथा, अउ बाजार हे मनसे दवारा नमस्ते पसंद करथा।
मै मंडली के अक्ठी चिट्ठी लिखे रहों, पय दियुतिरफेस जउन उहां के नेता बनै चाहथै, हमके अपनामै के निता तइयार नेहको हबै।