26 अगर तुम छमा नेहको करिहा, ता तुम्हर बाफ जउन स्वरग हे रथै, ऊ तोर पापन के छमा नेहको करही।”
“इहैमेर अगर तुम हर अक झन के अपन भाई-बेहन के पूर मन लग छमा नेहको करही, ता मोर स्वरग के बाफ तुम्हर संग असनेन करही।”
इहैनिता अगर तुम दूसर मनसेन के गलती के छमा करिहा, ता तुम्हर स्वरग के बाफ तुमही छमा करही।
अगर तुम दूसर मनसेन के गलती के छमा नेहको करिहा, ता तुम्हर स्वरग कर बाफ तुम्हर गलती के छमा नेहको करही।