21 पतरस के यीसु के कहे हर बात सुरता आय जथै, अउ पतरस यीसु लग कथै, “हे गुरू, देखा ई अंजीर कर रूख के तै सराप दे रहस, ऊ रूख झुराय गय हबै।”
तब यीसु सडक के पाखा हे अंजीर कर अक्ठी रूख देखथै, ऊ ओखर लिघ्घो जथै, पय पत्तन के अलाबा अउ कुछु नेहको पाथै, ता यीसु रूख लग कथै, अब लग तोर हे कबहुन फडुहा नेहको लगही अउ अंजीर के रूख हरबी झुराय गइस।
बजार हे बडा इज्जत के संग नमस्ते करामै के चाहथै अउ चाहथै कि मनसे उनही गुरू कहिके बुलामै।
पय तुम गुरू झइ कहवइहा, काखे तुम्हर अक्ठिन गुरू हबै अउ तुम सगलू भाई-बेहन हबा।
तब राजा अपन टेटरा पल्ला बालेन लग कहि, हे पापी मनसे मोर लग दुरिहां हुइ जा अउ सबरोज बाले आगी हे कढ जा, जउन भुतवा अउ ओखर स्वरगदूत के निता तइयार करे गय हबै।
इहै टेम ओखर चेला यीसु लग बिनती करथै, “हे गुरू कुछ खाय ले।”
जउन कउ परभु लग माया नेहको करथै, ऊ सापित होय, हे हमर परभु आ।