33 यीसु उनखर लग कथै, “हम यरुसलेम नगर छो जथन, अउ मनसे कर टोरवा पुजारी अउ नियाव के गुरू के हाथ पकडोय जही, अउ उके मरै के सजा दय जही, अउ मै गैर यहूदी के हाथ हे दइ दे जही।
यीसु अपन चेलन के सिखामै लागथै, मनसे कर टोरवा जरूरी हबै कि सताय जही, अउ सियान, पुजारी अउ नियाव के गुरू के दवारा बेकार समझ के मारे जहुं, पय तीसर रोज जी उठहुं।
यीसु कथै, “मनसे कर टोरवा के बोहत परेसानी उठामै के होही, हइ जरूरी हबै सियान अउ पंडित अउ नियाव के गुरू दवारा बेकार समझ के मार डरहीं अउ ऊ तीसर रोज जिन्दा हुइ जाय।”
तब उन यीसु के कैफा के लिघ्घो राजभवन छो लइ जथै अउ मुरगोसा के टेम रथै, यहूदी नेता राजभवन घर के भित्तर इहैनिता नेहको जथै, कि गैर यहूदिन के मिलन लग असुध्द झइ हुइ जइ, बलुक फसह के खाना खाय सकै।
काखे कि यरुसलेम नगर के रहै बाले अउ उनखर मुखिया उके नेहको चीनथै अउ न ग्यानी मनसे के बात समझथै, जउन सुस्ताय कर रोज पढ के सुनाय जथै, इहैनिता उके दोसी ठहराय के हइ बातन के पूर करथै।