20 धनी मनसे ओखर लग कथै, गुरू जी, मै हइ सब काम नान लग करत आय हव।
ऊ टोरवा यीसु लग कथै, “मै हइ सगलू आदेस के बचपन लग मानत आय हबो, अब मोर हे कउन बात के कमी हबै?”
यीसु ओही देखके ओखर लग माया करिस, अउ ओखर लग कथै, तोर भित्तर अक्ठी कमी हबै, जा जउन कुछ तोर लिघ्घो हबै, उके बेच के, उके गरीबन के बांट दे अउ तोके स्वरग हे धन डेरा मिलही। अउ आ मोर पाछू हुइ जा।
पय ऊ अपन खुद के धरमी मनसे दिखामै के निता यीसु लग पूछथै, “ता मोर परोसी कोनहर हबै?”
अक्ठी टेम रथै, जब नियम नेहको रथै अउ मै जिन्दा रथो, पय आदेस के आमै लग पाप जिन्दा हुइस।
खुसी के बारे हे कहों ता मंडली के सतामै बाले जब मै आठ रोज के रथो, तब मोर खतना नियम लग हुइस मै इस्राएली जात के हबो, नियाइपन के नजर हे मै बेकसूर हबो।
उन भक्ति के भेस धरहिन, पय ओखर सक्ति के नेहको मनहिन असना मनसेन लग बचे रइहा।