40 अक्ठी कोढी मनसे यीसु कर लिघ्घो आथै, अउ बिनती करिस, “अउ ओखर आगू घुटवा टेक के कथै, तै चाहबे ता मोके सुध्द कर सकथस।”
अंधरा देखथै अउ लेंगरा रेंगथै, कोढी सुध्द होथै बहिरा सुनथै अउ मरे हर मनसे जिन्दा होथै अउ गरीबन के संदेस सुनाय जथै।
जब यीसु भीड के लिघ्घो पहुंचथै, ता अक्ठी मनसे ओखर लिघ्घो आथै अउ घुटवा टेक के कथै।
यीसु ओखर परति दया लग भर जथै, अउ कोढी के छिके कथै, “मै चाहथो कि तै सुध्द हुइ जा।”
जबय यीसु गली हे जात रथै, ता अक्ठी मनसे दउरके आथै, अउ ओखर आगू घुटवा टेक के पूछथै, हे निक्खा गुरू, सबरोज के जीवन पामै के निता मै काहिन करव?
अउ कउनो पथरा के जेतका दुरिहां तक फेके जाय सकथै, ओतकै दुरिहां जाय के यीसु घुटवा के बल झुकथै अउ बिनती करै लग जथै।
फेर घुटवा के बल गिर जथै, “हे परभु हइ पाप के उनखर हे झइ लगाबे।” एतका कहि के ऊ मर जथै।
मै इहै कारन ऊ बाफ के आगू घुटवा टेकथो,