ऊ बजार हे बइठे हर लरकन के जसना हबै, जउन अक्ठी दूसर लग पुकार के कथै, हम तुम्हर निता बसुरी बजायन, पय तुम नेहको नाचे, हम तोर निता रोय के गाना गायन, पय तै नेहको रोय।
अब लग तोके गाय बाले, बीना, बसुरी अउ तुरही के आरो कबहुन सुनाई नेहको देही, अब लग मिसतिरी के कउनो काम तोके फेर कबहुन नेहको मिलही, अब लग तोके चकिया के आरो सुनाई नेहको देही।