तब यहूदिन के बिनती भवन हे बइठे हर मनसे बोहत चकराय जथै, अउ अपन हे गुठेमै लागथै, “ई काहिन बात हबै? हइ तो कउनो नबा संदेस हबै ऊ हक के संग भुतवा के आदेस देथै, अउ भुतवा ओखर बातन के मानथै।”
हरवाह लग मोर बिनती हइ हबै कि तुम सब बातन हे उन मनसे के आदेस माना, जउन ई भुंइ हे तोर गुरू हबै, तुम मनसे के खुस करै के उदेस्य लग केबल देखामै के निता नेहको, बलुक निस्कपट मन लग अउ परभु हे डर अउ बिस्वास रखके असना करा।