हे कफरनहूम काखे तै सोचथस कि तोके स्वरग के महिमा लग उप्पर उठाय जही? तै तो नरक छो जइहे, जउन सक्ति के काम तोर लग करे गय रहिस, अगर ऊ सदोम हे करे जातिस ता ऊ सहर आज तक बने रहतिस।
फेर सिपाही अपन सेना नायक के बुलाय के कथै, दुइ सव सिपाही, सत्तर घोडवा अउ दो सव भाला बालेन के कैसरिया जाय के निता तइयार रखा। रात के नव बजे निकरै के निता तइयार रहबे।