22 ऊ नियाव कर रोज बोहत मनसे मोर लग कइहिन परभु, परभु का हम तोर नाम लग आगू कर बात नेहको करन अउ तोर नाम लग भुतवन के नेहको निकारन? अउ तोर नाम लग बोहत चकित के काम नेहको करन?
हइ ऊ रोज होही जब परभु अपन पवितर मनसेन के बीच महिमा के संग परगट होही अउ उन सब हे चकित के कारन बन जइही, जउन बिस्वास करे हबै, काखे तुम हमर गवाह हे बिस्वास करे हबा।