16 उनखर फडुहा लग तुम उनही चीन जइहा, कांटा बाले पुडरा लग अंगूर न बिजहा अकजुट कर पाथै अउ न किटिल्ली मसे अंजीर टोरथै।
अगर तुमही निक्खा फडुहा चाही ता निक्खा रूख होय, अगर रूख निक्खा नेहको हबै ता फडुहो निक्खा नेहको मिलही।
इहैनिता उनखर कामन लग चीन्हे जइहा।
पय आतमा के फडुहा माया, खुसी, सान्ति, धीरज, किरपा, दया, बिस्वास,
अउ असना मनसेन लग कउ कहि सकथै, “तुम बिस्वास करत हबा, पय मै ओखर मेर चाल चलन चलथो। मोके अपन बिस्वास देखाबा जेहमा तुम नेहको चलथा, अउ महुं अपन चाल चलन के दवारा तुमही अपन बिस्वास के परमाड दइहों।”
हे मोर भाई, का अंजीर के रूख लग जैतून के रूख लगही, या रूख के डगइल लग अंजीर लग सकथै? ओसनेन नुनछुर पानी झरना लग गुरतुर पानी नेहको निकडथै।