21 काखे जिहां तुम्हर डेरा हबै, उहै छो तुम्हर मन लगे रही।
काखे हम अपन धियान ओखर उप्पर नेहको करी, जउन दिखथै पय ओखर उप्पर जउन नेहको दिखथै, जउन कुछ दिखथै ऊ चुटु हस टेम के निता हबै पय जउन नेहको दिखथै ऊ सबरोज के निता हबै।
तुम्हर मन उहै लगे होही, जिहां तुम्हर पइसा हबै”
हे भाई, सचेत रइहा कहुं तुम्हर मसे कउनो के मन हे पाप अउ अबिस्वास झइ समाय जाय जउन तुमही जिन्दा भगवान लग दुरिहां भटकाय दे।
अरे सपुवा के लरका तुम बेकार हुइके कसके निक्खा बात गुठे सकथा? जउन मन हे भररे हर हबै उहै बात मुंह लग बाहिर निकडथै।
हमर कामन हे तोर काम अउ हीसा नेहको हबै काखे तोर मन भगवान के आगू सिध्धा नेहको हबै।
हमर बाफ भगवान अउ परभु यीसु मसीह के पल्ला लग अनुगरह किरपा अउ सान्ति तुमके मिलत रहै।
मै पोलुस अपन हाथ लग लिखथो कि मै खुदय चुकाय देहुं, काहिन मै तोके सुरता देबाबा कि तुम्हरो उप्पर मोरो करजा हबै? तुम तो मोरेन हबा।
देह के चिमनी आंखी हबै, इहैनिता अगर तुम्हर आंखी निक्खा हबै, ता सगलू देह उजेड होही।