18 जेखर लग मनसेन के नेहको, पय केबल तुम्हर स्वरग के बाफ के जउन गुप्त हबै तै उपास हबस, तब तुम्हर जउन गुप्त कामन के देखथै तोके फडुहा देही।
ताकि तोर दान गुप्त हे रहै अउ तोर बाफ जउन गुप्त हे देखथै, तब तोके फडुहा देही।
जब तुम बिनती करत हबा, ता अपन कोठा हे जा अउ दूरा ढाप के अपन स्वरगी बाफ लग गुप्त रूप लग बिनती करा। तब तोर बाफ जउन गुप्त हे करे हर कामन के देखथै, तोके फडुहा देही।
भगवान सब मनसेन के उनखर कामन के जसना पलटा देही।
काखे निक्खा उहै माने जथै जेही परभु निक्खा स्वीकारथै, न कि ऊ जउन खुद के निक्खा समझथै।
इहैनिता हम चाहे घर हे रही, चाहे परदेस हे, हमर अकठिन इक्छा हबै, कि हम परभु के निक्खा लगी।
हइ इहैनिता होथै कि तुम्हर परखे हर बिस्वास परिक्छा हे मजबूत निकरै, सोनो तो आगी हे पिघलाय जथै अउ तुम्हर बिस्वास नास होंय बाले सोना लग कहुं बोहत कीमती हबै, हइ मेर तुम्हर बिस्वास यीसु मसीह के परगट होमै तक परसंसा अउ महिमा अउ आदर इज्जत के कारन बना।
परभु के निता मनसेन के दवारा चुने हर, हर अक्ठी सासक के वस हे रहा, चाहे ऊ राजा होय सबले बडा साहब हबै।