तउभरमा हम उनखर ठोकड के कारन झइ बनब, तै पानी के दहार हे बनसी लगाबे अउ जउन आगू मछडी पकड हे आही ओखर मुंह के उघारत टेम तुमके चांदी के अक्ठी खोटन्ना मिलही, उके ले आबे अउ मोर बदला पइसा दइ दइहा।”
काखे कुछ नपुंसक मनसे असना हबै, जउन दाय के लादा लग असनेन पइदा हुइन अउ कुछ नपुंसक मनसे असना हबै, जेही मनसे नपुंसक बनाइन अउ कुछ नपुंसक मनसे असना हबै, जउन स्वरग के राज के निता खुद के नपुंसक बनाय हबै, जउन हइ सिक्छा के स्बीकार कर सकथै, ऊ मनसे स्बीकार कर ले।”
हे ढोंगहा यहूदी गुरू अउ फरीसी, तुमही लानत हबै, तुम अकझन के अपन पल्ला लामै के निता सगलू भुंइ अउ बादर अक्ठी कर देथा अउ जब उन तुम्हर पल्ला आ जथै, ता उके अपन लग दुइ गुना नरक बना देथा।
पय मै तुम्हर लग हइ कथो, कि कउ अपन भाई या बेहन लग गुस्सा करही, ऊ स्वरग के अदालत हे सजा के लायक होही, जउन कउ अपन भाई के बेकार कहि, ऊ स्वरग के अदालत के सजा के लायक होही, जउन कउनो के मूरुख कहि, ऊ नरक के आगी के लायक होही।