2 यीसु चालीस रोज अउ चालीस रात उपास करथै, एखर बाद हे उके भूख लागथै।
आने रोज बिहनेन यरुसलेम नगर छो यीसु वापिस आथै, ता उके भूख लगथै।
काखे जब मै भुखाय रहों ता तै मोके खाय के निता दय, जब मै पियासे रहों ता तै मोके पानी पिलाय, मै परदेसी रहों ता तै मोके अपन इहां ठहराय रहस।
काखे मै भुखाय रथो ता तुम मोके खाना नेहको दया अउ जब मै पियासे रथो, ता तुम मोके पानी नेहको पिलाया।
सकारे जब हुइस ता यीसु बैतनिय्याह गांव लग निकडिस, अउ ऊ भुखाय रथै।
उहां भुतवा चालीस रोज ओखर परिक्छा लेथै, यीसु उन दिना हे ऊ कुछु नेहको खाय रथै, जब चालीस रोज गुजर जथै, ता यीसु के भूख लगिस।
अउ उहां याकूब के कुंवा रथै अउ यीसु यातरा लग रेंगत थक जथै अउ ऊ कुंवा के लिघ्घो बइठ जथै, ऊ टेम करीबन दुपहरी रथै।