हे कफरनहूम काखे तै सोचथस कि तोके स्वरग के महिमा लग उप्पर उठाय जही? तै तो नरक छो जइहे, जउन सक्ति के काम तोर लग करे गय रहिस, अगर ऊ सदोम हे करे जातिस ता ऊ सहर आज तक बने रहतिस।
यीसु उनखर लग कथै, “तुम जरूर हइ कहावत सुनिहा, हे पंडा पहिले तै अपन खुद के निक्खा कर, तुम मोर लग हइ कइहा, कफरनहूम सहर छो जउन कुछु होय हबै, हम ओखर बारे हे सुने हवन, अब ऊ इहां अपन सहर हे कर।”