53 ऊ यीसु के जिन्दा होय के बाद हे ऊ मरघटी लग निकड के यरुसलेम सहर छो जथै अउ बोहत मनसे उनही देखिन।
तब भुतवा यीसु के पवितर सहर यरुसलेम हे लइ जथै, अउ उके बिनती भवन के चुट्ठी हे लइ जायके कथै।
पय मन्दिर के बाहर अंगना के छांड देबे, उके झइ नापहे, काखे हइ दूसर कुर के दइ दय गय हबै, उन बयालिस महिना तक पवितर सहर के अपन गोड लग कचरहिन।
अउ फेर मै पवितर सहर नबा यरुसलेम के स्वरग लग, भगवान के लिघ्घो लग उतरत देखथो, ऊ अपन दुलहा के निता सजाय हर दुलही के जसना सजे रथै।
अउ अगर आगू कर बात के हइ किताब हे लिखे हर बचन मसे कउनो अक्ठी सब्द हटाय जही ता भगवान हइ किताब हे लिखे हर जीवन रूख अउ पवितर सहर मसे ओखर भाग ओखर लग निकाड देही।