71 जब पतरस बाहिर फेरका हे गइस, ता दूसर नोकरानी उके देखिस अउ ऊ ठाडे मनसेन लग कथै, “हइ मनसे यीसु नासरी के संग रथै।”
अउ नासरत नाम के सहर छो जायके बस जथै, ताकि ऊ बचन पूर होय जउन ग्यानी मनसेन के दवारा गुठेय गय रथै, “ऊ नासरी कहाही।”
तब पतरस सबझन के आगू मना करत कथै, “मै नेहको जानथो तै काहिन कथस।”
तब पतरस किरिया खाय के फेरै मना करथै, “मै ऊ मनसे के नेहको जानथो।”
चुटु टेम के बाद हे अक्ठी दूसर मनसे उके देखथै अउ कथै, तै उन मसे अक्ठी हबस पय पतरस कथै, हे मनसे मै नेहको यहों।