अब मै दुनिया हे नेहको रइहों, मै तोर लिघ्घो आउथो, पय उन सब दुनिया हे हबै, हे पवितर बाफ उनही अपन ऊ नाम हे, जउन तै मोके दय हबस, उनखर मदद कर कि उन अक्ठी हुइ जाय, जसना हम अक्ठी हबन।
जरूरी हबै कि ऊ स्वरग हे ऊ टेम तक रही, जब तक कि हइ सगलू बात पहिलेन जइसन सुधारे नेहको जही, बोहत पहिलेन लग जेखर बारे हे भगवान अपन पवितर ग्यानी मनसेन के दवारा गुठे हबै।