9 पय समझदार कुमारिन उनखर लग कथै, बिलकुन हइ हमर अउ तुम्हर निता पूर नेहको होही, निक्खा हइ होही कि तुम दुकान हे जाय के तेल खरीद ले आना।
तै हइ बेकार बिचार लग मन बदला अउ परभु लग बिनती कर हुइ सकथै जउन तोर बेउहार हबै, ऊ बिचार के निता तोके छमा कर दय हबै।
इहैनिता जउन कउ मोर बात के सुनथै अउ ओहमा चलथै, ऊ दिमाक बाले के जसना हबै, जउन अपन घर पथरा हे बनाथै।
देखा मै तुमही बिगवा के बीच हे गेडरा के मेर पठोथो, इहैनिता सपुवा के मेर चत्तुर अउ परेवा के जसना भोला बनिहा।
उन मसे पांचठे समझदार रथै अउ पांचठे मूरुख रथै।
मूरुख कुमारिन समझदार कुमारिन लग कथै, अपन तेल मसे हमुन के चुटको हस दइदा, काखे हमर चिमनी बिताथै।