इहैनिता, हे पिरिया भाई अउ बेहन, जब तुम ऊ रोज के ओरगे हबा, ता परियास करा कि परभु के नजर हे पवितर अउ निरदोस पाय जा, अउ तुम्हर हे ओखर सान्ति के निबास होय।
इहैनिता सचेत हुइ जा, तुम्हर हे जउन कुछु बाचे हबै, ऊ मिरतू के जसना हबै, ओहमा नबा जीवन के संचार करा, काखे मै अपन भगवान के नजर हे तुम्हर दूसर काम के आधा पाय हव।