पय तुम पापी आदत के नेहको पय पवितर आतमा हे होय अगर सहीमा तुम्हर हे भगवान कर आतमा रथै, जउन मनसे के भित्तर मसीह के आतमा नेहको रथै, ऊ मसीह के नेहको हुइ सकै।
जउन हमर उप्पर अपन मालिक के छाप लगाइस अउ हमर भित्तर गवाही के रूप हे ऊ पवितर आतमा हमर मन हे दइस जउन हइ बात के साबूत हबै, कि जउन दे का बचन ऊ हमके दय हबै, उके ऊ हमके देही।
जउन अभिसेक तुम मनसे मसीह लग पाय हबा, ऊ तुम्हर हे मवजूद रथै, इहैनिता तुमही जरूरत नेहको कि कउनो मनसे सिखामै, मसीह लग मिले हर अभिसेक तुमही सगलू कुछ सिखाथै, ओखर सिक्छा सत्य हबै असत्य नेहको ऊ सिक्छा के जसना तुम मसीह हे बने रहा।