1 “ऊ रोज स्वरग कर राज उन दसठे कुमारिन के मेर होही, जउन चिमनी लइके दुलहा लग मिलै निकडथै।”
यीसु उनही अक्ठी अउ किस्सा सुनाथै, “स्वरग कर राज ऊ मनसे के जसना हबै, जउन अपन खेत हे बढिहा बिजहा बोय रथै।
यीसु उनखर आगू अक्ठी अउ किस्सा कथै, कि “स्वरग कर राज राई के दाना कर जसना हबै, जेही कोनो मनसे लइके अपन खेत हे बोय दय हबै।
खेत दुनिया हबै, बढिहा बिजहा राज के लरका हबै, जंगली चारा भुतवा कर लरका हबै।
फेर स्वरग कर राज समुन्दर हे डाले हर ऊ जाला के जसना हबै, जउन हरमेर के मछडी समेट लानथै।
स्वरग कर राज अक्ठी मालिक के जसना हबै, जउन सकरहा अपन बगिया के अंगूर के लेय के निता निकडथै।
स्वरग कर राज ऊ राजा के जसना हबै, जउन अपन टोरवा कर काज हे भन्डारा करथै।
तब सगलू कुमारिन उठके अपन-अपन चिमनी के बत्ती निक्खा करै लग जथै।
पाप लग मन बदला, काखे स्वरग कर राज लिघ्घो हबै।
इहैमेर तुम्हर उजेड मनसेन कर आगू चमकै, जेही उन तुम्हर निक्खा काम के देखके स्वरग के बाफ कर महिमा करै।
यीसु उनखर लग कथै, जब तक दुलहा उनखर संग हबै, का बरतिहा मनसे दुख मनाय सकथै? पय ऊ रोज आही जब दुलहा उनखर लग अलगे कर दय जही, तब उन उपास करही।
इहैनिता यहूदा, सिपाही, पंडित अउ फरीसिन के संग उछो पहुंच जथै अउ उनखर लिघ्घो मसाले, चिमनी अउ हथियार रथै।
जेखर दुलहिन हबै, उहै दुलहा हबै, पय दुलहा के संगी जउन ओखर लिघ्घो ठाढ हबै, ओखर बात सुनथै, दुलहा के सब्द लग बोहत खुस होथै, अब मोर हइ खुसी पूर होथै।
जउन पटउंहा हे अक्ठी कमरा रथै, जिहां हम अक जिघा अकजुट रथन उहां बोहत चिमनी बरत रथै।
तुम मोर हर बात के धियान रखत हबा अउ जउन रीति रिबाज मै तुमही सउपे हबो, उनखर हे मजबूत बने रथा, इहैनिता मै तुम्हर बडाई करथो।
तुम्हर निता मोर माया के धुन ठीक असना हबै जसना भगवान के, तुम ऊ पवितर कुमारी जसना हबा, जेखर मंगनी मै केबल दुलहा मसीह यीसु के सउपे के उदेस्य लग करे हव।
भभिस्य हे मोर निता नियाइपन धरमी पन के इनाम के मुकुट सुरक्छित हबै, जउन न्याय करैबाले परभु मोके ऊ रोज दइ, मोके बस नेहको पय उन सगलू कउ के जउन उनखर दुबारा आमै लग बडी आसा लग ओरगथै।
अउ धन्य आसा मतलब भगवान अउ मुकति करै बाले यीसु मसीह जब दुबारा आही, अपन महिमा के संग ओही ओरगत रही
ऊ असना मनसे रथै, जउन कउनो डउकी लग असुध्द अउ गलत काम नेहको करे रथै, काखे ऊ कुंवारा रथै, जिहां कहुं गेडरा जथै, हइ ओखर संग चलथै, भगवान अउ गेडरा के निता पहिला फडुहा के रूप हे इनखरै मनसेन मसे खरीदे गय हबै।
आबा, हम खुसी मनइ अउ मगन हुइ जइ अउ भगवान के महिमा करी, काखे गेडरा के काज के टेम आ गय हबै अउ ओखर दुलहिन खुद के सजा लय हबै।
अउ फेर मै पवितर सहर नबा यरुसलेम के स्वरग लग, भगवान के लिघ्घो लग उतरत देखथो, ऊ अपन दुलहा के निता सजाय हर दुलही के जसना सजे रथै।
जउन सात स्वरगदूत सातठे खोरिया रखे रथै, जेहमा आखरी सात पेरसानी लग भररे हर रथै, उनखर मसे अक्ठी मोर लिघ्घो आयके कथै, “आ, मै तोके दुलही, गेडरा के डउकी के दिखाहुं।”
राजगद्दी मसे बिजली, आरो, बारिस के गरजन निकडत हबै, राजगद्दी के आगू सात चिमनी जलत हबै, ऊ भगवान के सात आतमा हबै।
जब तीसर स्वरगदूत पोंगा फूंकिस, ता बादर लग अक्ठी बडा तरइया चिमनी के जसना जलत अक्ठी भाग नदिया अउ पानी के झरना हे जाय गिरिस।