8 पय हइ बात तो बलुक पीरा के सुरुवात होही।
जब मनसे हइ कइहीं, “अब तो सान्ति अउ कउनो समस्या नेहको हबै,” तबै बिनास गरभबती के टेम दरद-पीरा के मेर, उनखर हे अचनकै आय पडही अउ उन ओखर लग नेहको बच पइहीं।
काखे जात लग जात, अउ अक्ठी राज के दूसर राज के संग लडाई करही, अगल-बगल जिघा हे भुंइडोल आकाल होही, हइ आगू परथम कनिहा के पीरा सुरू होय के टेम हबै।
पय ई बातन के आगू ऊ मनसे तुमही बन्दी बना लइहीं अउ सतइही, ऊ तुम्हर उप्पर अधिकार के आदेस चलाय के निता तुमके मंडली दरबार हे दइ देइही अउ फेर मोर नाम के कारन ऊ तुमही, राजा अउ राजपालो के आगू लइ जइही।
हे धन्नड मनसे, मोर बात के सुना, तुमही रोमैका अउ आंसू बहामै चाही, काखे परेसानी तुम्हर उप्पर आमै बाले हबै।