6 तुम झगडा के बात सुनिहा अउ झगडा के बारे हे झूठमूठ के बात सुनिहा, पय देखा तुम झइ डेरइहा असना तो होही पय आखरी अबे नेहको होही।
जब हेरोदेस राजा हइ बात सुनथै, ता ऊ बोहत घबडा जथै अउ यरुसलेम कर मनसेन चिन्ता हे पड जथै।
स्वरग कर राज हइ संदेस सगलू दुनिया हे परचार करे जही, कि सगलू देस हे गवाह सुनाय जही तब अंत आ जही।
पय अगर मै असना करिहों ता पवितर किताब हे लिखवरे हर हइ कइसन पूर होही? हइ होना जरूरी हबै हइ ओसनेन होय।”
अपन धीरज लग तुम अपन परान के बचाय रखिहा।
जब तुम लडाई झगडा के चरचा सुनिहा ता झइ डरिहा, काखे कि इनखर बात पहिले होही अउ उनखर अन्त हरबी नेहको होही।
मै तुम्हर लग कथो, कि जउन कुछ लिखररे हबै, ऊ पूर होही अउ ऊ हबै कि सगलू चोरटा हे, महुं चोरटा गिने गय हबो, मोर बारे हे लिखरेर हर सगलू बात पूर होही।”
तुम्हर मन दुखी झइ होय, भगवान हे बिस्वास करा अउ मोरो हे बिस्वास करा।
तुम्हर निता मै सान्ति छांडे जथो, मै अपन सान्ति तुमही देथो, जसना दुनिया देथै, मै तुमही ओसना नेहको देथो, तुम्हर मन झइ घबराय अउ झइ डेराय।
कउनो आतमा, बचन या चिट्ठी के दवारा, जउन हमार तरफ लग जान पडही, तुम असानी लग हइ समझ के झइ परेसान हुइहा अउ न घबरइहा कि परभु के दिन आय चुके हबै।
तब मै उहां अक्ठी दूसर घोडवा के निकडत देखथो, जउन आगी के जसना लाल रंग के रथै, जउन ओखर उप्पर बइठे हर रथै उके अक्ठी बडा तलबार दय गय रहै अउ उके भुंइ लग सान्ति उठा लेय के आदेस दय गय रहै कि मनसे अक दूसर के बलि चढामै।