मै तुम्हर लग कथो, चिन्ता झइ करा अउ न अपन जीवन चलामै के निता कि हम का खइ या का पी अउ न अपन देह के निता कि हम का पेहनी। का जीवन खाना लग अउ का देह के खुरथा पइजामा लग बढके नेहको हबै?
पय जब भीड के कारन ओही घर के भित्तर लइ जाय के कउनो उपाय नेहको दिखथै, ता उन छानी हे चढ गइन अउ उन खपरा के टार के खटिया के संग लोकवा के नंगहा के मनसेन के बीच हे यीसु कर आगू उतार दइन।