4 उन मनसेन के खान्दा हे एतका गरू लाद देथै कि उन उके उठाय के रेंगों नेहको सकै अउ मनसेन हे दबाव दिखाथै कि उन उके लइके रेंगै। पय उन खुद उनखर मसे कउनो मेर के अंगठी तक नेहको डोलामै चाहथै।
हे ढोंगहा गुरू अउ फरीसी तुमही लानत हबै, तुम्हर जउन कुछु हबै, तुम ओखर दसमा हिस्सा, इहां तक कि अपन पुदीने अउ साउख अउ जीरा के दसमा हिस्सा भगवान के देथा, पय फेरै तुम नियम के किताब के जरूरी बातन के, मतलब नियाव अउ दया अउ बिस्वास के छांड देथा, जरूरी हबै कि इहो करत रइहा अउ उनोन के मानैके चाही।
पय तुम थुआतीरा के बचे हर मनसेन लग जेतका हइ सिक्छा के नेहको मानथै अउ उन बातन के जिनखर भुतवा के गहिड बात कथै नेहको जानथै, हइ कथै कि मै तुम्हर उप्पर अउ बोझा नेहको डालहुं।