18 तुम इहो कथा, कि कउनो बेदी के किरिया खाथै, ता कउनो मतलब नेहको, पय जउन कउ बलि ओहमा धररे हर हबै, अगर कउ ओखर किरिया खाथै ता ऊ अपन किरिया लग बंधररे हबै।
हे अंधरा सियान, तुमही लानत हबै, जउन तुम कथा, कि हइ बिनती भवन के किरिया खइहा ता कुछु जरूरी नेहको हबै, पय कउनो मन्दिर के सोना के किरिया खइहा, ता ऊ किरिया के मानैके जरूरी हबै।
अरे मूरुख अउ अंधरा कउन बड्डे हबै? ऊ बिनती भवन के सोना या ऊ मन्दिर जउन सोना के पवितर बनाइस।
हे अंधरा, कउन बड्डे हबै, बलि के चढावा या बेदी जेहमा चढावा पवितर हुइ जथै?
अगर तुम असना कथा, कि कोनो अपन दाय-बाफ लग कहे, जउन कुछु काम करा, अउ तोके फायदा होय, भगवान के निता बलि चढामै।
फेर मै हर अक्ठी खतना करै बाले के गुठे देथो कि उके सगलू नियम के मानैके पडही।