3 अगर कउ तुमही कुछु कइहिन ता उनखर लग कहबे, परभु के ऐखर काम हबै अउ हरबी उके दइ देही।”
“लिघ्घो के गांव हे जा, उहां पहुंचतै खुट्टा हे बंधररे हर अक्ठी गदही मिलही अउ ओखर संग ओखर लरका हुइ उके छोर के मोर लिघ्घो लइ आबा।
हइ इहैनिता होथै, कि ग्यानी मनसेन के बचन पूर होय:
काखे तै ओही सगलू मनसेन के उप्पर हक दय हबस, कि ऊ सगलू सबरोज कर जीवन दे, जेही तै सउपे हबस।
बाफ अपन टोरवा लग माया करथै अउ ऊ सगलू चीज ओखर हाथ हे दइ दय हबै।
न कउनो चीज के जरुरत के कारन मनसेन के हाथन के सेबा लेथै, काखे ऊ खुद सब के जीवन अउ जीव अउ सांस अउ सगलू कुछ देथै।
भगवान के धन्यबाद होय, जउन तीतुस के मन हे तुम्हर मदत के निता ओसनेन तेज इक्छा लग भर दय हबै, जसना हमर मन हे हबै।
तुम हमर परभु यीसु मसीह के अनुगरह के जानथा कि ऊ धन्नड हुइके तुम्हर निता गरीब बन गइस, ताकि ओखर गरीब हुइ जाय लग तुम धन्नड हुइ जा।
काखे हर अक्ठी निक्खा बरदान अउ निरदोस दान बाफ लग हबै, मतलब उजियार के बनामै बाले भगवान के पल्ला लग हबै, जेहमा न तो कउनो बदलाव हबै अउ न अदल-बदल हबै।