30 “पय बोहत लग मनसे जउन आगू हबै, ऊ पाछू हुइ जइही अउ जउन पाछू हबै ऊ आगू हुइ जइहिन।”
अउ सच्चाई हइ हबै कि जउन पाछू हबै, ऊ आगू करे जही अउ जउन आगू हबै ऊ पाछू करे जही।
इहैमेर जउन पाछू हबै, ऊ आगू हुइ जही अउ जउन आगू हबै, ऊ पाछू हुइ जही।
“पय जउन बोहत आगू हबै, ऊ पाछू होही, अउ जउन पाछू हबै, ऊ आगू होही।”
भगवान के सुस्ताय के रोज के जिघा हे घुसे के ऊ टीमा अबे तक हबै, ता हमही डेराय चाही असना झइ होय कि तुम्हर मसे कउनो अयोग ठहरै अउ ओहमा घुसै लग दुरिहां झइ रही पामै।
तुम मसीह हे परगति करथा, तुमके कोहर आगू बढै लग रोकिस तुम सत्य के झइ माना?