30 पय ऊ नेहको मनीस अउ जायके तब तक जेल हे बेडवा देथै, जब तक कि ऊ अपन करजा नेहको लउटाय दे।
हइ मेर ओखर संगी हरवाह ओखर गोड हे गिरके ओखर लग बिनती करथै, धीर धर मै सगलू करजा लउटा दइहों।
दूसर हरवाह हइ सगलू घटना के देखके बोहत दुखी होथै अउ ऊ जउन घटना घटे रथै, सगलू अपन मालिक के जायके गुठे देथै।