मै तुम्हर लग सही कथो, जब तक बादर अउ भुंइ समापत नेहको हुइ जथै, तब तक मूसा कर नियम के किताब अक-अक्ठी बात अउ अक-अक्ठी सब्द रही, ऊ तब तक बने रही, तब तक ऊ पूर नेहको जही।
जब कबहुन तुम उपास करथा, ता ढोंगहन के जसना तुम्हर मुंह उदास झइ रहै अउ उन अपन मुंह के इहैनिता उतारै रथै, ताकि दूसर मनसे उनखर उपास के जानै, मै तुम्हर लग सही कथो, कि अपन फडुहा पाय चुके हबै।
जब तुम बिनती करत हबा, ता ढोंगहन कर जसना झइ करिहा, उन मनसेन के दिखामै के निता, मंडली हे अउ गली कर मोड हे ठाड हुइ के बिनती करथै, मै तुम्हर लग सही कथो, उनही उनखर फडुहा मिल चुकिस।
काखे इन मनसेन के मन मोटा, अउ उनखर कान भारी हुइ गय हबै, अउ उन अपन आंखी बन्द करे हबै, असना न होय कि, उन कहुं आंखी लग देखय, अउ कान लग सुनय, अउ मन ले समझय, अउ फेर मै उनके निक्खा करी।