29 हइ मेर ओखर संगी हरवाह ओखर गोड हे गिरके ओखर लग बिनती करथै, धीर धर मै सगलू करजा लउटा दइहों।
एतका हे हरवाह ओखर गोड तरी गिरके परनाम करके कथै, मालिक धीर धर, मै सगलू कुछु लउटा देहुं।
“पय जब हरवाह बाहिर छो निकडथै, ता ओखर संगी हरवाह मसे मिलथै, जउन ओखर लग अक्ठी सव चांदी के पइसा के करजदार रथै, ऊ हरवाह के पकडके ओखर नटेरी दबाउत कथै, जउन मोर लग करजा लय हबस उके लउटा दे।”
पय ऊ नेहको मनीस अउ जायके तब तक जेल हे बेडवा देथै, जब तक कि ऊ अपन करजा नेहको लउटाय दे।
जसना मै तोर उप्पर दया करे रथो, का तहुं अपन संगी हरवाह हे दया नेहको करैका चाही?
जउन मेर हम अपन अपराधन के छमा करे हबन, ओसनेन हमर गलती के छमा कर।
तुमके हमर पिरिया संगी सेबक इपफ्रास लग एखर सिक्छा मिले हबै, इपफ्रास तोर भलाई के निता मसीह के बिस्वासी हरवाह हबै।
हमर पिरिया भाई तुखिकुस जउन अक्ठी बिस्वासी हरवाह अउ परभु हे संगी दास हबै, तुमके मोर सगलू संदेस गुठे देही।