18 “मै तुम्हर लग सही कथो, कि जउन कुछ तुम हइ भुंइ हे बंधिहा ऊ स्वरग हे बंधरही, जउन कुछ तुम हइ भुंइ हे छोरिहा ऊ स्वरग हे छोररही।”
मै तोके स्वरग राज के चाभी देथो, ताकि भुंइ हे जउन कुछु तै बंधहे ऊ भगवान के दवारा स्वरग छो बंधर जही अउ जउन कुछु तै भुंइ हे खोलबे ऊ स्वरग हे उघरही।”
तुम मनसेन के पाप छमा करिहा, ऊ पाप छमा करे गय हबै अउ जउन मनसेन के पाप छमा नेहको करिहा, ऊ पाप छमा नेहको होही।”
जेही तुम कउनो बारे हे छमा करथा उके महुं छमा करथो, जउन बारे हे मै छमा करे हव, अगर ऊ सही हे छमा के काबिल रथै ता उके मै मसीह के उपस्थिति समझ के तुम्हर निता छमा करे हव।