तुम हइ दुनिया के जसना आचरन झइ करा, बलुक सगलू कुछ नबा नजर लग देखै अउ अपन आदत बदल ले, हइमेर तुम जान जाबे, कि भगवान के चाहथै अउ ओखर निक्खा सुइकार ओग, समझदार अउ सबले बढिहा हबै।
तब मोके स्वरग लग उतरत अक्ठी दूसर सक्तिसाली स्वरगदूत के देखथै, जउन बादर के बन्डी के जसना पहिने हर रथै, ओखर मूड दबोरा के सात रंग के जसना रथै, ओखर चेहरा बेरा कस अउ गोड आगी के खम्भा के जसना रथै।