इहैनिता जब भगवान पटउरा के चारा के सजउटी हइ सीमा तक करथै, जेखर जीवन चुटु टेम कर हबै अउ जउन आने रोज आगी हे लेस दय जही, का ऊ तुमही कहुं बोहत सोभायमान नेहको करही? कसना कमजोर हबै तुम्हर बिस्वास।
गेराठे चेला जब भात खाये के बइठत रहै, ता यीसु अचानक आथै, अउ उनखर अबिस्वास अउ मन के कठोर होय लग बिस्वास नेहको करथै, ता ऊ गधारिस इहैनिता कि ओखर जी उठे के बाद देखेबाले के बात पय उन बिस्वास नेहको करथै।
मै उनखर लरकन के मार डरिहों अउ सगलू मंडली के हइ पता चल जही कि मै उहै यहों जउन मनसे के मन अउ उनखर दिमाक के जानथो, मै तुम सबझन के तुम्हर कामन के जसना सजा देहुं।