ऊ बिजहा जउन गली कर टाठा हे गिरे रथै, ओखर मतलब हबै, कि जब कउ स्वरग के राज के संदेस सुनथै, अउ उके नेहको समझथै, ता भुतवा आय के ओखर मन हे जउन बिजहा बोय रथै उके चुराय लइ जथै।
“इहैनिता जब तुम बोहत नास चीज के, जेखर बारे हे दानिय्यल ग्यानी मनसे दवारा करै गय हबै, मन्दिर के पवितर जिघा हे ठाड हुइके देखा” पढय बाले खुदय जान जथै कि एखर मतलब काहिन हबै।