26 ओखर चेला जब यीसु के झील हे चलत देखथै, ता उन चकराय के अपने हे गुठेमै लगथै, हइ तो कउनो भुतवा हबै अउ उन डर के मरे किरराय उठिन।
पय उनके ओखर देह नेहको मिलथै अउ डउकी लउट के कथै, कि हमके स्वरगदूत दिखाई दइस, जउन हइ गुठेथै कि यीसु जिन्दा हबै।
पय उन मनसे घबरा गइन अउ डेराय जथै अउ ऊ मनसे समझथै, कि हम कउनो भुतवा के देखथन।
तब यीसु चेलन के दिमाक खोल देथै, कि उन पवितर किताब के समझ सकै।
डर के मारे उन भुंइ छो अपन मुंह झुकाय रथै, ऊ दुइठे मनसे उनखर लग कथै, जउन जिन्दा हबै उके तुम मरे हर हे काखे खोजथा?
उन ओखर लग बोलथै, “तय पगला गय हबस।” पय ऊ पूर बिस्वास रथै, कि हइ ओसनेन हबै हइ बात हे उन कथै, “ऊ ओखर स्वरगदूत होही।”
मै जब उके देखो ता मै ओखर गोड हे मरे लोथ के जसना गिर पडो, फेर ऊ मोर उप्पर हाथ धरके कथै, “झइ डर, हे यहों सुरू अउ आखरी हव।