12 काखे जेखर लिघ्घो हबै, उके अउ दय जही अउ ओखर लिघ्घो बोहत हुइ जही, पय जेखर लिघ्घो नेहको हबै, ओखर लग वहु लइ ले जही जउन ओखर लिघ्घो हबै।
इहैनिता मै तुम्हर लग कथो, भगवान कर राज तुम्हर लग लइ ले जही अउ असना मनसेन के दइ दे जही, जउन ओखर सही फडुहा लइहीं।
काखे जेखर लिघ्घो हबै, ओही अउ दय जही अउ ओखर लिघ्घो बोहत हुइ जही, पय जेखर लिघ्घो नेहको हबै, जउन ओखर लिघ्घो हबै उहो के लइ ले जही।
इहैनिता बगिया के मालिक काहिन करही? ऊ आयके किसान के मारही, अउ अंगूर के बगिया दूसर के दइ देही।
यीसु कथै, बलुक अक्ठिन बात जरूरी हबै मरियम बडा भाग चुने हबै, जउन ओखर लग छंडाय नेहको जही।”
पय जउन अनजाने हे मार खाय के काम करे हबै, ऊ चुटु मार खाही जेही बोहत दय गय हबै, ओखर लग बोहत लय जही अउ जेही सउपे गय हबै ओखर लग बोहत लय जही।
इहैनिता मालिक उके बुलाय के कथै, हइ मै तोर बारे हे का सुनथो? अपन भन्डारी के हिसाब किताब दे, काखे तै अब मोर भन्डारी नेहको रही सकथस।
अब्राहम ओखर लग कथै, टोरवा सुरता कर कि तुमके जीवन हे बढिहा चीज पाय चुके हबस अउ लाजर के बेकार चीज, पय अब ऊ सान्ति पाथै, पय तै तडपथस।
“यीसु कथै, एखर लग चवकस रहा, कि तुम कउन मेर सुनथा, काखे कि जेखर लिघ्घो हबै, उके अउ दय जही अउ जेखर लिघ्घो कुछु नेहको हबै, ओखर लिघ्घो लग वहु लइ ले जही जेही ऊ अपन समझथै।”
जउन मोके अउ मोर सिक्छा के मानै हे लजाथै, ता मनसे कर टोरवा सुइकार करै हे लजई, जब ऊ अपन बाफ अउ पवितर स्वरगदूत के महिमा के संग आही।
ऊ तो अबे सान्ति देथै, जसना कि पवितर किताब हे लिखवरे हबै, “भगवान घमंडिन के बिरोध करथै, पय नम्र मनसे हे अनुगरह किरपा करथै।”
इहैनिता सुरता कर कि तै कछो लग गिरे हबै अउ मन फिरा अउ उन कामन के कर, जउन पहिले के जसना काम करत रथस। अगर तै मन नेहको फिरइहे, ता मै तोर लिघ्घो आयके तोर चिमनी के ओखर जाघा लग हटाय देहुं।