41 नियाव के दिन नीनवे सहर के रहै बाले निबासी हइ पीढी के मनसेन के संग ठाड हुइ अउ उनही दोसी ठहराही, काखे उन योना के संदेस सुनके मन बदलथै अउ देखा, इछो तो कउ कउनो योना लग बड के हबै।
नियाव के रोज दख्खिन के रानी हइ पीढी के मनसेन के संग ठाड होही अउ पाप करै के छांड दइहीं, काखे ऊ भुंइ के दूसर छोर लग सुलेमान के संदेस सुनै आथै अउ इछो तो सुलेमान लग महान हबै।
नीनवे सहर के मनसे नियाव के रोज हइ पीढी के संग अक जिघा हुइहिन, अउ हइ पीढी के बुराई करही, काखे उन योना के परचार सुनके मन फिराय रथै, पय आज इहां ऊ ग्यानी मनसे यूहन्ना लग बडा हबै।
बिस्वास लग नूह उन बातन के बारे हे जउन ऊ टेम भगवान के दवारा चेतावनी पाथै अउ नूह हइ चेतावनी पाय के महिमा के संग अपन परवार बचामै के निता जिहाज बनाइस, ऊ अपन बिस्वास के दवारा दुनिया के दोसी ठहराइस अउ ऊ धरमी काम के साहब बनिस, जउन बिस्वास हे आसरित हबै।